
लैलूंगा, / जनपद पंचायत लैलूंगा की सामान्य प्रशासन स्थायी समिति की बैठक दिनांक 29 अगस्त 2025 को बड़ा फैसला लिया गया। समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर ग्राम पंचायतों की लापरवाही को आड़े हाथों लिया और स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि अब ग्राम पंचायतों की परि सम्पत्तियों की साफ-सफाई में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में यह मुद्दा उठा कि अधिकांश पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, पीडीएस भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, सार्वजनिक स्थान और हैंडपंप परिसर नियमित रूप से साफ नहीं किए जाते। जगह-जगह कूड़ा-करकट, नालियों में गंदगी और भवनों की छतों पर काई जमने से पानी रिसाव और सिपेज की समस्या सामने आ रही है। यही नहीं, इस गंदगी के चलते गांवों में बीमारियों के फैलने की आशंका लगातार बनी रहती है।
समिति ने दिखाई कड़ाई
जनपद पंचायत ने साफ कहा है कि प्रत्येक सरपंच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक को अभियान मोड में सफाई करनी होगी। इसके लिए जनप्रतिनिधियों, शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों, मितानिन और स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को साथ लेकर स्वच्छता अभियान चलाने का आदेश दिया गया है। पंचायतों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सफाई अभियान के दौरान फ़ोटोग्राफ्स लिए जाएं और पालन प्रतिवेदन कार्यालय में जमा कराए जाएं।
स्वच्छता पखवाड़ा बना मौका
वर्तमान में पूरे क्षेत्र में “स्वच्छता पखवाड़ा” चल रहा है। समिति ने निर्देश दिया है कि इस अवसर पर व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर न केवल परिसंपत्तियों की सफाई की जाए, बल्कि आम जनता को भी जागरूक किया जाए, ताकि गांव-गांव स्वच्छता के प्रति नया संदेश पहुंचे और लोग प्रेरित हों।
अब जवाबदेही तय होगी
यह आदेश ग्राम पंचायतों के लिए सीधा संदेश है कि अब लापरवाही करने वालों की खैर नहीं। साफ-सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। प्रशासन का कहना है कि यदि आदेशों की अनदेखी की गई तो जिम्मेदारों पर कार्यवाही तय है।
लैलूंगा क्षेत्र की जनता भी इस फैसले का स्वागत कर रही है। लोगों का कहना है कि वर्षों से पंचायत भवनों और सार्वजनिक परिसरों में गंदगी फैली रहती थी, अब कम से कम जिम्मेदार लोग इसे गंभीरता से लेंगे।
कुल मिलाकर, जनपद पंचायत लैलूंगा का यह निर्देश पंचायतों के लिए अलार्म बेल है। अब देखना होगा कि गांव-गांव में कितनी तेजी से सफाई अभियान धरातल पर उतरता है या फिर यह आदेश भी कागजों तक ही सीमित रह जाता है।






