
रायगढ़/ जिले के लैलूंगा थाना क्षेत्र में नाबालिग बालिका के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के जघन्य मामले ने पूरे इलाके को दहला दिया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए रायगढ़ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज़ 12 घंटे के भीतर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
*घटना कैसे हुई – मेला देखने गई किशोरी के साथ हुई हैवानियत :*
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 6 नवंबर की रात वह अपने परिचित युवक के साथ पहाड़लुड़ेग मेला देखने गई थी। लौटते वक्त रास्ते में दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार युवकों ने उन्हें रोका। आरोपियों ने पहले बालिका के साथ रहे युवक को डराया, पीटा और फिर उसे दूर ले जाकर अलग कर दिया। इसके बाद तीन दरिंदों ने किशोरी के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया।
*एसपी स्वयं पहुंचे घटनास्थल – तीन थानों की संयुक्त टीम बनी :* मामले की गंभीरता को देखते हुए रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल स्वयं लैलूंगा पहुंचे और मौके पर हालात का जायजा लिया। उनके निर्देश पर एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्दांत तिवारी के मार्गदर्शन में लैलूंगा, घरघोड़ा और कापू पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने तेज और सटीक कार्रवाई करते हुए तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर सूचना के आधार पर सभी आरोपियों को 12 घंटे के भीतर धर दबोचा।
*दो मोटरसाइकिलें जब्त, आरोपियों ने अपराध कबूला :* पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया, जिनके निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिलें जब्त की हैं। सभी को गिरफ्तार कर थाना लैलूंगा के अपराध क्रमांक 292/2025, धारा 70(2), 61(2)(क), 115(2) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
*गिरफ्तार आरोपी -*
* गुरूचरण प्रजा पिता बालक राम प्रजा (23 वर्ष) निवासी तोलगे
* रमेश भोय पिता इन्द्रजीत भोय (22 वर्ष) निवासी नहरकेला
* संजय कुमार उर्फ संजु सिदार पिता मदन लाल (19 वर्ष) निवासी तोलगे
* विकाश भगत पिता चन्द्रमणी भगत (19 वर्ष) निवासी नारायणपुर, लैलूंगा (सहयोगी)
*कानूनी प्रक्रिया जारी – कड़ी सजा की मांग :* सभी आरोपियों को शनिवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अब पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आरोप-पत्र की तैयारी में जुटी है। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को उदाहरण स्वरूप कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में भय का वातावरण बने।
यह मामला केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की चेतना पर प्रहार है। लैलूंगा पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन असली न्याय तभी होगा जब अदालत में इन हैवानों को सख़्त सजा मिले।






