पुसौर के 24 वर्षीय युवक का बिना शल्यक्रिया सफल इलाज, आयुर्वेद उपचार से मिली नई जिंदगी…
*आयुष उपचार के प्रति लोगो का बढ़ रहा है भरोसा*
रायगढ़, 14 नवम्बर 2025। आयुर्वेद की औषधियों और पंचकर्म चिकित्सा की प्रभावशीलता एक बार फिर प्रमाणित हुई है। रायगढ़ जिले के पुसौर के आयुष उपचार केंद्र में केवल 24 वर्षीय युवक का वह रोग पूरी तरह ठीक कर दिया गया, जिसके लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति में बड़ी शल्यक्रिया (ऑपरेशन) की सलाह दी गई थी।
कई महीनों से बुखार, पेशाब में जलन, पेट दर्द और पेशाब खुलकर न होने जैसी गंभीर समस्या से पीड़ित इस युवक ने लगातार आधुनिक चिकित्सा उपचार और संक्रमणरोधी दवाइयाँ ली थीं। कुछ समय आराम मिलता, लेकिन थोड़े दिनों बाद वही तकलीफें फिर लौट आतीं। जांच में मूत्रमार्ग में संकुचन (अवरोध) की पुष्टि होने पर उसे शल्यक्रिया की सलाह दी गई, जिससे युवक घबरा गया और इतनी कम उम्र में ऑपरेशन कराने के लिए तैयार नहीं हुआ।
इसी दौरान वह डॉ. देवाशीष रॉय चौधरी विशेषज्ञ चिकित्सक, के पास पुसौर स्थित विशेष चिकित्सा केंद्र में परामर्श के लिए पहुँचा। परीक्षण के बाद चिकित्सक ने इसे मुत्रकृच्छ का मामला मानते हुए आयुष पद्धति से उपचार प्रारम्भ किया। शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई पित्त दोष शांत करने वाली तथा मूत्रमार्ग का अवरोध दूर करने वाली दवाइयाँ नियमित रूप से दी गईं। साथ ही पंचकर्म विधि के अंतर्गत महाचन्दनादि तेल से उत्तरबस्ती उपचार साप्ताहिक रूप से किया गया। पूरी चिकित्सा प्रक्रिया में सभी चिकित्सकीय सावधानियों का कड़ाई से पालन किया गया।
लगभग दो महीने की व्यवस्थित चिकित्सा के बाद युवक आज पूरी तरह स्वस्थ है। उसकी पेशाब की परेशानी, पेट दर्द और जलन जैसी सभी समस्याएँ पूर्णतः समाप्त हो चुकी हैं। युवक और उसके परिवारजनों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बिना शल्यक्रिया केवल आयुष चिकित्सा से ठीक होना उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।
इस सफल उपचार से लोगों में आयुष पद्धति और पंचकर्म चिकित्सा के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है। यही कारण है कि विशेष चिकित्सा केंद्र में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।






