लैलूंगा।
लैलूंगा क्षेत्र के ग्राम बनेकेला में ग्रामवासियों ने एक ऐतिहासिक और कड़ा फैसला लेते हुए पूरे गांव में शराब की बिक्री और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। लगातार बढ़ती शराबखोरी, परिवारों में विवाद, आर्थिक बर्बादी और युवाओं के बिगड़ते भविष्य को देखते हुए यह निर्णय गांव की खुली बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। इस फैसले के बाद गांव में बड़ी हलचल मची हुई है और लोग इस निर्णय की खुलकर सराहना कर रहे हैं।

ग्रामवासियों ने बताया कि गांव में शराब की वजह से न सिर्फ परिवार टूट रहे थे बल्कि कई घरों में कमाने वाले सदस्य नशे के शिकार होकर अपनी जिम्मेदारियों से भटक रहे थे। इसके कारण महिलाओं और बच्चों पर मानसिक, आर्थिक और सामाजिक दबाव बहुत बढ़ गया था। छोटे-छोटे बच्चे भी बड़ों की आदतों को देखकर नशे की ओर झुकने लगे थे। पढ़ाई में रुचि कम होती जा रही थी, और भविष्य अंधकार की ओर बढ़ रहा था।
इन्हीं चिंताओं के चलते ग्राम सभा ने बड़ा कदम उठाते हुए कहा— “अब बस! बनेकेला में दारू नहीं चलेगा।”
ग्राम सभा में प्रस्ताव रखा गया कि यदि गांव में कोई व्यक्ति शराब बनाते, बेचते या छिपाकर रखने की कोशिश करते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 10,000 रुपए का सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, उसके बाद उसे कड़ी चेतावनी भी दी जाएगी। दोबारा पकड़े जाने की स्थिति में और भी कड़ा दंड तय किया जा सकता है।

गांव के बुजुर्गों ने बताया कि दारू की वजह से कई घरों में रोज झगड़े होते थे। बच्चों की फीस, घर का खर्च और इलाज के पैसे शराब में उड़ जाते थे। इस सामाजिक बीमारी ने गांव का माहौल बिगाड़ दिया था।
ग्राम सभापति ने स्पष्ट कहा—
“हम अपने बच्चों का भविष्य बचाना चाहते हैं। बनेकेला में अब शराब नहीं चलेगी, चाहे किसी को कितना भी नुकसान क्यों न हो। गांव की शांति और परिवारों की खुशहाली सर्वोपरि है।”
गांव की महिलाएं इस निर्णय से सबसे ज्यादा खुश नजर आईं। उन्होंने कहा कि शराब बंद होने से घर में शांति लौटेगी, बचत बढ़ेगी और परिवार की खुशहाली वापस आएगी। युवाओं ने भी ग्राम सभा के फैसले को पूर्ण समर्थन दिया और कहा कि दारू बंद होने से गांव का माहौल साफ-सुथरा रहेगा और नई पीढ़ी गलत रास्तों से बचेगी।
इस फैसले के बाद गांव में निगरानी समिति बनाई जा रही है, जो छिपकर शराब बेचने या बनाने वालों पर नजर रखेगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत समिति को दी जाएगी।
ग्रामवासियों का मानना है कि यदि सभी गांव ऐसे ही निर्णय लेना शुरू कर दें, तो क्षेत्र में नशे का प्रभाव काफी कम हो सकता है।
बनेकेला का यह फैसला ‘नशामुक्त गांव’ की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है और अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में गांव की तस्वीर बदलेगी।






