रूपडेगा में शराब बंदी पर ताबड़तोड़ किताब—ग्रामीणों का बड़ा धमाका, अवैध शराबियों पर ₹50,000 का जुर्माना, सूचना थाना प्रभारी को भेजी
तेज कुमार साहू लैलूंगा
रूपडेगा, बहामा (लैलूंगा) ग्राम रूपडेगा के कुम्हारपारा एवं कंवरपारा में अवैध शराब पर कड़ी रोक लगाने ग्रमीणों और महिलाओं ने ऐतिहासिक और ताबड़तोड़ फैसला लिया है। गांव के वरिष्ठजन, समिति सदस्य और ग्रामीणों की सर्वसम्मति से दिनांक 5-12-2025 को बड़ी बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों मोहल्लों—कुम्हारपारा और कंवरपारा—में पूरी तरह शराब निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव धड़ाधड़ पारित किया गया।
ग्रामवासियों ने शराब के दुष्प्रभावों, सामाजिक विघटन और बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया है। निर्णय के अनुसार बुधवार से दोनों मोहल्लों में शराब बनाना, बेचना और भंडारण करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने साफ किया है कि यह निर्णय सभी ग्रामीणों की सुरक्षा, शांति और परिवारिक संरक्षण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
50,000 रुपये का जुर्माना—ग्रामीणों का कड़ा फैसला
गग्रामीणों में महिलाओं ने तय किया गया कि यदि प्रतिबंध लागू होने के बाद भी कोई व्यक्ति अवैध रूप से शराब बनाता या बेचता पाया जाता है, तो उसे ₹50,000 रुपये का भारी जुर्माना देना होगा।
इसी के साथ, अवैध शराब बेचने वालों की सूचना देने वाले व्यक्ति को ग्राम समिति द्वारा ₹10,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा, जिससे गांव से अवैध शराब की पूरी तरह सफाई सुनिश्चित की जा सके।
थाना प्रभारी लैलूंगा को प्रेषित पत्र—कानूनी कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों के निर्णय के बाद ग्रामीणों ने थाना प्रभारी लैलूंगा को औपचारिक सूचना भेजते हुए निवेदन किया है कि गांव में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने में पुलिस प्रशासन सहयोग करे।
आवेदन में लिखा गया है कि—
“यदि इसके बाद भी कोई व्यक्ति अवैध शराब बनाकर बेचता है, तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं उसी की होगी। आवश्यक कार्रवाई हेतु यह आवेदन पत्र प्रेषित है।”
गांव में कड़ा पहरा—सभी ग्रामीण महिलाओं एकजुट
कुम्हारपारा और कंवरपारा दोनों मोहल्लों के लोगों ने एकमत होकर कहा कि अब गांव में किसी भी कीमत पर शराब नहीं बनने दी जाएगी। ग्रामीणों ने यह भी निर्णय लिया कि सामाजिक स्तर पर निगरानी टीम बनाई जाएगी, जो हर गतिविधि पर नजर रखेगी।
गांव के कई वरिष्ठ नागरिकों ने कहा—”अब गांव में शांति चाहिए, शराब से घर टूट रहे थे, झगड़े बढ़ रहे थे। आज से ये सब खत्म।”
कुछ लोग हुए असहमत—पंचनामा में दर्ज
हालांकि गांव के अधिकांश लोग फैसले के समर्थन में दिखे, लेकिन सौकी लाल यादव और मनबहाल चौहान ने इस प्रस्ताव से सहमति नहीं जताई और हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। पंचायत के ग्रमीणों ने यह असहमति भी दर्ज की गई है।
गामीणो का स्पष्ट संदेश—अब शराब नहीं, सिर्फ कानून
4000 से अधिक जनसंख्या वाले इस ग्रामीण क्षेत्र में शराब पर रोक के इस निर्णय को बवाल और ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि इस फैसले से गांव में शांति, सुरक्षा और सामाजिक माहौल में बड़ा सुधार होगा।
रूपडेगा अब नई पहचान के साथ आगे बढ़ चुका है—शराब मुक्त गांव, जहां अवैध कारोबारियों के लिए जगह नहीं और समाज के लिए नया उदाहरण तैयार!
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